जोड़ों का दर्द जानिए क्यों है
आज के समय में जोड़ो का दर्द इतना आम हो चुका हैं कि हर दूसरे इंसान को घुटने में दर्द की परेशानी हैं। वैसे तो जोड़ो का ये दर्द हर मौसम में रहता हैं लेकिन सर्दियों में ये दर्द और जोड़ो की अकड़न बहुत ज्यादा बाद जाता हैं। कभी कभी दर्द इतना ज्यादा होता हैं कि पैरो को हिलाने पर भी ऐसे दर्द होता हैं मानो जान चली गई हैं। बढ़ती हुई उम्र के साथ महिलाओं में ये समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिलती हैं।
अब ऐसे में मन में सिर्फ ये सवाल आता हैं कि आखिर सर्दियों में ऐसा भी क्या होता हैं कि मामूली सा जोड़ो का दर्द रुलाने जितना बढ़ जाता हैं। लेकिन सवाल ये हैं कि सर्दियों में ये दर्द इतना ज्यादा क्यों बढ़ जाता हैं? इसे दूर करने के लिए हम क्या कर सकते हैं। अगर आप भी अपने जोड़ो के दर्द से परेशान है और जानना चाहते हैं कि सर्दियों में ये दर्द आपको इतना ज्यादा परेशान क्यों करता हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़े।
सर्दियों में जोड़ों के दर्द के क्या कारण होते हैं?
ठंड के मौसम में जोड़ों के दर्द के कारणों के बारे में कई सिद्धांत हैं:
सर्दियों में तापमान बहुत ज्यादा कम होता हैं जिसकी वजह से जोड़ो के आसपास वाले हिस्सो मे कण्डरा, मांसपेशियों और उपास्थि में तनाव और सूजन होता हैं
सर्दियों के समय में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। जिसकी वजह से रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है। और घुटनो में दर्द और सूजन भी बढ़ जाता हैं।
सर्दियों के समय में जोड़ो का दर्द बढ़ने की वजह विटामिन डी की कमी भी हो सकती हैं। क्योंकि इस समय हम ठंड की वजह से ज्यादातर लोग घर के अंदर रजाई में बैठे रहना ज्यादा पसंद करते हैं। जिसकी वजह से न हम बाहर निकलते हैं और न ही सूरज की रोशनी ले पाते हैं। इससे बॉडी में विटामिन डी की कमी हो जाती हैं और मासपेशियों और जोड़ो का दर्द बढ़ जाता हैं।
पहले से ही गठिया से परेशान लोगो को सर्दियों में जोड़ो का दर्द और भी ज्यादा परेशान करने लगता हैं। गठिया में जोड़ों पर उपास्थि नष्ट हो जाती है जिससे नसें खुल जाती हैं। ये नसे बहुत ज्यादा संवेदनशील होती हैं और मामूली से बदलाव को भी स्वीकार करने में असमर्थ होती हैं। इस प्रकार, सर्दियों में बैरोमीटर के दबाव में बदलाव से गठिया से प्रभावित जोड़ों में दर्द हो सकता है।
सर्दियों में जोड़ों के आम रोग क्यों भड़क उठते हैं?
रुमेटीइड गठिया : ठंड और बारिश के मौसम में गठिया से पीड़ित लोगों को जोड़ों में अकड़न और दर्द अपने आप ही बढ़ जाता हैं। हालांकि सर्दी शारीरिक रूप से गठिया का कारण नहीं बनती है, लेकिन फिर भी यह केवल कठोरता, सूजन और दर्द को बढ़ाती है। सर्दियों के दौरान दर्द ग्राही बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं। जो गठिया के प्रकोप को बढ़ाने में भी योगदान करते हैं। शरीर में विटामिन डी की बहुत कम मात्रा भी गठिया के खतरे को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं।
बर्साइटिस: बर्साइटिस ज्यादातर जोड़ों में होता है, ये बॉडी में वसा के ज्यादा होने की वजह से होता हैं, बर्साइटिस सबसे अधिक दबाव और दोहराव के कारण होता है। बर्साइटिस से पीड़ित सामान्य क्षेत्रों में घुटने, कोहनी, कूल्हे और कंधे शामिल होते हैं। बैरोमीटर के दबाव में गिरावट के कारण कभी-कभी ठंड के मौसम में बर्साइटिस का दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
पुरानी चोटें और फ्रैक्चर: कई बार आप पहले से ही आपको चोट लगी होती है या फैक्चर हुआ रहता हैं। जिसकी वजह से आप पहले से ही इसके दर्द से बहुत प्रभावित होते हैं। कई बार फैक्टर और चोट ठीक होने के बाद भी आप इस दर्द को महसूस करते हैं। इसका कारण यह हो सकता है कि कई बार नसें ठीक से ठीक नहीं होती हैं और अभी भी कुछ छोटी मोटी क्षति मौजूद हो सकती है। इसलिए जब मौसम में बदलाव होता हैं तो इन नसों पर दबाव पड़ता है। जिससे हड्डियों और जोड़ों में परेशानी बढ़ जाती है।
अधिक वजन: सर्दियों के मौसम में वजन बढ़ना आम बात है। अधिक वजन होने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है और जोड़ों में परेशानी होती है।
सर्दियों में राहत कैसे पाएं
सर्दियों में तापमान के अनुसार गर्म और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। ठंड से बचने के लिए दो तीन लेयर गरम कपड़े को पहनना चाहिए। ताकि ठंड से बचे रहें। और सबसे जरूरी बात ध्यान रहे कि आपको अपने घुटनों, पैरों, हाथों, गर्दन और सभी गठिया प्रवण क्षेत्रों को ढंकना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।
व्यायाम करना चाहिए। इस बात में कोई शक नहीं हैं कि जोड़ो के दर्द से परेशान इंसान अपने घुटनो को जल्दी हिलाना दिलाना नही चाहता हैं। लेकिन इसके बाद भी उसे हल्का फुल्का हिलाना डुलाना चाहिए। ज्यादा मुश्किल व्यायाम न करके आराम आराम से छोटी मोटी एक्सरसाइज करनी चाहिए। बहुत ज्यादा ठंड होने पर बाहर न जाकर घर में ही इनडोर व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से मांसपेशियों की जकड़न और जोड़ों के दर्द में सुधार होता है।
जोड़े के दर्द से परेशान इंसान को खूब सारा पानी पीना चाहिए। हल्का सा निर्जलीकरण भी जोड़ों की नसों को दर्द के प्रति और अधिक संवेदनशील बना देता है।
जोड़ों के दर्द में गर्म पानी से स्नान करने से दर्द कम होता है। गर्म पानी में हाथ और पैर भिगोने से जोड़ों की सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
सर्दियों में दर्द कम करने के लिए खुद को जैसे भी हो सके गर्म रखें। ठंड के मौसम में जकड़न और दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी पिएं , क्रेप बैंडेज और इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का दर्द वाले हिस्से पर इस्तेमाल करे।
जोड़ों के दर्द के जोखिम कारक को दूर रखने के लिए अपनी बॉडी में विटामिन डी की कमी को पूरा करिए। आपको नियमित रूप सुबह की हल्की धूप सेकनी चाहिए। और विटामिन डी और अन्य निर्धारित दवाओं का पूरक लेना चाहिए ।
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन जोड़ों की सूजन को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए आपको अपने आहार में ओमेगा-3 से भरपूर भोजन जैसे अलसी, अखरोट, एवोकाडो और मछली को शामिल करना चाहिए।
सर्दियों में वजन बढ़ने से बचें क्योंकि अधिक वजन आपके जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।