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गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के आसान टिप्स

गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के आसान टिप्स

प्रेगनेंसी का वक्त महिलाओं के लिए बेहद खास समय होता है. इस वक्त उन्हें न सिर्फ अपने हेल्थ बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास और उसकी सेहत का भी खास ख्याल रखना होता है. महिलाओं के लिए गर्भावस्था के 9 महीने बहुत सी चुनौतियों से भरे होते हैं. इस दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर गर्भवती अपनी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी का ख्याल रखें तो गर्भावस्था के नौ महीने स्वस्थ और बिनी किसी परेशानी के हो सकते हैं.

उबले हुए अंडे

प्रेगनेंसी के नौ महीनों में शरीर शिशु के पोषण और विकास के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा होता है। इस समय में शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है जिसे अंडे से पूरा किया जा सकता है। इससे मां और बच्‍चे दोनों की प्रोटीन की आवश्‍यकता को पूरा किया जा सकता है।

संतुलित आहार

प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि कंसीव करने से पहले और डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपनी डायट का ध्‍यान रखना होता है। प्रेगनेंसी में पौष्टिक आहार लेने से शिशु के मस्तिष्‍क का सही विकास होने में मदद मिलती है और जन्‍म के समय शिशु का वजन भी ठीक रहता है। संतुलित आहार से शिशु में जन्‍म विकार, प्रेगनेंसी में एनीमिया, मॉर्निंग सिकनेस आदि से भी बचाव होता है। जंकफूड खाने से बचें। आपको बहुत तेज, तला हुआ या अत्यधिक मसालों वाला खाना खाने से बचना चाहिए।

अच्छी आदतें अपनाएं

स्‍वस्‍थ जीवनशैली का सीधा प्रभाव बच्‍चे की सेहत पर पड़ेगा। गर्भवती महिला को तंबाकू, सिगरेट और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रेगनेंसी में शराब पीने से मां की रक्‍त वाहिकाओं से एल्‍कोहल शिशु की रक्‍त वाहिकाओं में पहुंच सकता है जिससे फीटल एल्‍कोहल सिंड्रोम हो सकता है।

ऐसा प्रेगनेंसी के नौ महीनों में लगातार शराब पीने से होता है। सिगरेट शिशु तक पहुंचने वाले ऑक्‍सीजन और रक्‍त प्रवाह को प्रभावित कर सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्भावस्‍था के दौरान इन सब चीजों से दूर रहें।

एक्‍सरसाइज करें

स्‍वस्‍थ और फिट रहने के लिए एक्‍सरसाइज से बेहतर और कोई तरीका नहीं है। प्रेगनेंसी में बढ़ने वाले वजन को भी एक्‍सरसाइज से कंट्रोल किया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो नियमित व्‍यायाम से मां और शिशु दोनों स्‍वस्‍थ और सुरक्षित रहते हैं लेकिन गर्भावस्‍था में सही एक्‍सरसाइज चुनना बहुत जरूरी है।इसलिए सप्‍ताह में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट इंटेसिंटी एक्‍सरसाइज करें। रोज कुछ मिनट पैदल चलें। ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज से भी फायदा होगा, लेकिन भारी वजन उठाने वाली और कठिन व्‍यायाम करने से बचें।

स्‍ट्रेस

यह एक ऐसा समय है, जब आपको सबसे अधिक ध्यान अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का रखना होता है। आमतौर पर, इस अवस्था में काम करने की मनाही नहीं होती है, लेकिन फिर भी आपको बहुत अधिक तनाव लेने से बचना चाहिए। इस अवस्था में अत्यधिक तनाव आपके और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए आप क्षमता से अधिक काम करने से बचें। साथ ही, काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लें। जिससे आप दोबारा एनर्जी के साथ काम कर पाएं

ऑफिस वियर पर दें ध्यान

प्रेग्नेंसी के दौरान जब आप ऑफिस जा रही हैं तो आपको अपने आउटफिट पर भी ध्यान देना चाहिए। बहुत अधिक टाइट फिटिंग के कारण आपको काम के दौरान परेशानी हो सकती है। चूंकि इस दौरान आपको शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है और हर गुजरते दिन के साथ पेट बढ़ता जाता है। इसलिए आप ऐसे कपड़े पहनें, जो बेहद आरामदायक हों। कंफर्टेबल कपड़े पहनने पर आपके लिए ऑफिस में काम करना काफी आसान हो जाता है।

बैग में रखें हेल्दी स्नैक्स

अमूमन हम ऑफिस के लिए लंच तो बैग में रखते हैं, लेकिन उसके अलावा अपनी डाइट पर ध्यान नहीं देते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो यह ध्यान रखें कि आप दिन में तीन से पांच मील लें। आप अपने स्नैक्स के रूप में फल, पनीर, दाल, स्प्राउट्स व अंडे आदि को शामिल करें। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में कैल्शियम, फोलेट और ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना जरूरी है।

आयरन लेवल को बैलेंस रखें

आप डाइट में आयरन युक्त चीजों का सेवन करेंगे, तो एनीमिया से बचे रहेंगे। शरीर में आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाने के लिए आयरन के साथ विटामिन-सी लें। इसके लिए आप अपनी दाल, फल और मीट करी लें। शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए आप एक गिलास संतरे का रस और नींबू पानी भी ले सकते हैं।

कम एक्टिविटी करें:

जब आपका वर्कडे ख़त्म हो तो वापस स्केलिंग करने से आपको ज्यादा आराम मिल सकता है। अपनी खरीदारी ऑनलाइन करने या घर की सफाई के लिए किसी को काम पर रखने पर विचार करें।

अच्छी नींद लें

बिस्तर पर सोना और आराम से रहना गर्भावस्था के दौरान सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हो सकता है, लेकिन फिर भी सोने की कोशिश करें। अपनी बाईं ओर लेटने की कोशिश करें, अपने अच्छी नींद के लिए एक और तकिए का इस्तेमाल करें। बाई करवट लेटने से सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

हाइड्रेटेड रहें

पानी की एक बोतल अपने पास रखें। साथ ही पानी से भरपूर सब्जियां और फल जैसे खीरा, टमाटर, लौकी, तरबूज और खरबूजा को अपने आहार में शामिल करें। अपनी बॉडी में वॉटर लेवल बढ़ाने के लिए शेक, स्मूदी, जूस और नारियल पानी भी ले सकते हैं।

इंफेक्शन से बचाव

साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए, इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्राइवेट पार्ट्स की सफाई का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। वेजाइनल इंफेक्शन के कारण भी गर्भ ठहरने में परेशानी आ सकती है।

मन से दवा न लें

किसी भी प्रकार की समस्या होने पर बगैर चिकित्सक की सलाह के, अपने मन से कोई दवा न लें। कई बार दवाओं के दुष्प्रभावों के चलते गर्भ ठहरने में समस्या आती है। इसलिए डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

मासिक चक्र

मासिक चक्र के समय पर ध्यान दें। अगर आपका मासिक चक्र अनियमित हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अगर यह समय 10 दिन से भी अधिक बढ़ रहा है तो जांच कराएं। मासिक चक्र शुरू होने के दसवें दिन से लेकर अगले दस दिनों तक गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है। इस समय साथी के साथ समय बिताएं।

सेक्स पर दें ध्यान

भले ही आपकी दिनचर्या कितनी भी व्यस्त हो, साथी के साथ संबंध बनाने के लिए पर्याप्त समय निकालें। इसके लिए सप्ताह में दो से तीन बार समय निकाल सकते हैं। नियमित तौर पर सेक्स को अपनी जीवनशैली में शामिल करने से एस्ट्रोजन का स्त्राव अधिक होता है, जो कंसीव करने में मदद करता है। इसके अलावा अंड बनने के पहले कुछ दिनों तक 36 से 48 घंटों के बीच संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है।

वजन

अपने वजन को नियंत्रित रखने का प्रयास करें। वजन का कम या अधिक होना, दोनों ही स्थिति में आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। दरअसल वजन बहुत अधिक कम होने पर अंडाशय में अंड बनने के लिए आवश्यक हार्मोन स्त्रावित नहीं हो पाते, जिससे गर्भ ठहरा नहीं रह पाता। इसलिए वजन बहुत कम भी न करें और बहुत अधिक बढ़ाएं भी ना।

चाय- कॉफी से रहे दूर

चाय, कॉफी व कोल्ड्रिंक का सेवन अधिक न करें। यह फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला कैफीन भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

ऊपर दिए गए इन उपायों को अपनाकर आप भी गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रह सकते हैं। लेकिन गर्भावस्था बहुत ही नाज़ुक समय होता है जिसमें ज़रा सी भी लापरवाही आपको जीवनभर का दुख दे सकती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्क्त होने पर आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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